Thursday, 15 December 2011

masti ki kahani

एक लड़का था दीवाना सा ,पगला सा ,गलियों में भटकता था..चोरी से चुपके से अपनी नज़रें झुकाता था..हर लड़की से शर्माता था ..शायद डरता था..लोग उसे बावला कहते अनाड़ी कहते पर वो किसीकी न सुनता था ..दिल में प्यार लिए हर किसीसे दोस्ती करता था ....अपने ज़िन्दगी की सारी बाँतें दोस्तों से बांटता था ...पढाई में शातिर और अपने काम में वो माहिर था ....दुसरे लड़के जलते थे उससे पर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे दोस्त बना रखा था सबने ...वो इन सबसे वाकिफ था लेकिन उसकी सोच इन सबसे परेह थी ...वो जीवन के दस्तूर समझता था....मतलब भरी इस दुनिया में वो अकेला नहीं था और नाही उदास  ....वो हवाई जहाज चलाने  के सपने देखता  titanic बनाने की चाह रखता था ...वो अपने आप में ही खुश था ...न उसे तानों की फिकर थी न कीर्ति की ....उसको प्यार से लोग मस्ती कहते थे...तब एक दिन ........................................

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