Friday 26 September 2014

Thats how she said a goodbye!!

If i could tell you what all i am going through,
My love for you is the same even if our time has flew,
past are the days when we could talk for hours,
Think of fancy dates, drinks and rosy flowers,
Our times wont come back and its known,
But with all the immaturity we have grown,
enough to understand that love is not time bound,
It happens only once in life when it is truly found,
We are each others first and will always be,
Even though we try to hard to be free,
To be able to talk for few minutes is not difficult,
But it becomes a habit to be together and thats not easy,
Baby it took me a long time to go away from you,
Which i never wanted to,
Its a crucial time for both of us,
Lets not make it a fuss,
i still love you and will always will,
Till my heart beats or i die ill,
Please dont be upset or angry,
because anything happens in life for you i will always be free.!!

Wednesday 17 September 2014

"बिदाई"

जब एक लङकी की शादी की बात शुरु होती है तब घर में काफी अलग माहौल होता है. लङकी के मा बाप कभी अपनी लाडली को डांटते हैं तो कभी उसे पागलों जैसा प्यार करके उसके सारे नखरे सहते हैं. ससुराल में कैसे रेहने की आदत डालते समय मां ये भुल जाती है कि अब उसे भी अकेला रहने की आदत डालनी पडेगी. पापा उसकी हर इच्छा पुरी करना चाहते हैं.

एक तरफ घर में खुशी का माहौल है त्योहार जैसा जष्न है तो दुसरी ओर अपनों से दुर जाने का गम भी है. भाई बहन आज भी उसकी खिचाई करते हैं उसे तंग करते हैं पर एक पल के लिए रो देते हैं. इसके बाद वो लोग ऐसा हक नहीं जता पाएंगे उसे ऐसे मना नहीं पाएंगे.

घर के बडे अपनी सारी दुआंएं अपनी पोती पर बरसा देते हैं. वे तो केवल इसी बात से संतुष्ट हैं कि आज ये दिन देखने के लिए ही वो जिंदा हैं. शादी में ऐसे बैठतें हैं जैसे उनकी पोती दुनीया की सबसे बडी अपसरा हो और उसको ऐसा बनाने का श्रेय वे खुदको देते हैं.

सब अपनी मस्ती में गुल है. हसना, गाना, बजाना, खाना खिलाना, नाचना नचाना सब कुछ एक साथ चल रहा है. एक अविस्मर्णीय आनंद का वातावरण है. हर तरफ शोर है पर इन सब के बीच उस लडकी के मन में हो रहे शोर की आवाज कोई सुन नहीं पाता. उसके मन और मस्तिष्क में एक कलरह चल रहा है. वो सब जानते हुए भी इस भीतर की अशांती को शांत नही कर पाती. पती के साथ संसार करना है पर अपने मा बाप की स्वास्थ्य की चिंता है. नए लोगों को अपनाना है पर पुराने रिश्तों की डोर छोडनी नहीं है. मुश्किल है ये निभाना पर ये चुनौती उसे स्वीकार है उसका एक ही कारण है समर्पण! जब लडकी ये समझ जाती है तब वो अपने(मायके) घर से हर्ष और आत्मीयता से अपने(ससुराल) घर बीदा लती है.